| जय गुरु देव , तेरी याद के सिवाय कुछ याद नहीं ,तेरे नाम के सिवाय कुछ भी रास नहीं | सब कुछ जहां में तेरा ही है, तुझ से ही है, यहाँ मैं-मेरे किसी का कुछ नहीं || तू ही सब कुछ मेरा तेरे से ही सब नाते,अब मुझे खुद से नहीं तेरे ही नाम से जानते | खुद से ज्यादा अब तेरा ही भरोसा ,मेरी ही तेरी लाज़,तू ही मंजिल और आगे कुछ नहीं जानते || सौंप दिया खुद सब कुछ चरणों में तेरे,जैसे चाहे रखना तेरी मर्जी में ही है अब मेरे मर्जी | दया है मुझ दीन पर यह खुशकिस्मत है मेरी,हर सांस पर तेरा ही नाम हो ऐसी अर्जी है मेरी || |
No comments:
Post a Comment